The सफेद मूसली के लाभ Diaries

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आयुर्वेद में सफेद मूसली के कंद, जड़ और बीज का प्रयोग औषधि के लिए सबसे ज्यादा किया जाता है।

सफेद मूसली की गांठ वाली जड़ें और बीजों का इस्तेमाल औषधि के रुप में सबसे ज्यादा किया जाता है। आमतौर पर सफेद मूसली का उपयोग सेक्स संबंधी समस्याओं के लिए अधिक होता है लेकिन इसके अलावा सफेद मूसली का इस्तेमाल आर्थराइटिस, कैंसर, मधुमेह (डायबिटीज),नपुंसकता आदि रोगों के इलाज में और शारीरिक कमजोरी दूर करने में भी प्रमुखता से किया जाता है। कमजोरी दूर करने की यह सबसे प्रचलित आयुर्वेदिक औषधि है। जानवरों पर किये एक शोध में इस बात की पुष्टि हुई है कि इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं साथ ही यह सेक्स संबंधी गतिविधि को बढ़ाती है और टेस्टोस्टेरोन जैसे प्रभाव वाले सेक्स हार्मोन का स्तर बढ़ाती है।

मूसली को जमीन से खोदने का सर्वाधिक उपयुक्त समय नवम्बर के बाद का होता है। जब तक मूसली का छिलका कठोर न हो जाए तथा इसका सफेद रंग बदलकर गहरा भूरा न हो तब तक जमीन से नहीं निकालें। मूसली को उखाडने का समय फरवरी के अंत तक है।

एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर व्हिस्की बालों को मज़बूत बनाती है। इसके निरंतर इस्तेमाल से हेयर हाइड्रेटिड रहते हैं और उनमें चमक बनी रहती है। ये बालों को रिपेयर करते हैं। साथ ही रूखेपन से भी बचाते हैं। अगर आपके बाल भी गर्मी के चलते हर वक्त ऑयली रहते हैं और अपनी नमी खो चुके हैं, तो व्हिस्की को इस तरह से बालों में अप्लाई करके आप कई समस्याओं से मुक्त हो सकते हैं।

मुसली का कोई गंभीर साइड-इफेक्ट नहीं है।

इम्युनिटी बढ़ाए - इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है जिससे शरीर को बिमारियों से लड़ने में ताकत मिलती है। इम्युनिटी पावर बढ़ाने के लिए सफेद मूसली का सेवन करना लाभकारी होता है। सर्दी-जुकाम और संक्रामक बीमारियों से यह शरीर की रक्षा करती है।

सफेद मूसली की तासीर ठंडी होती है और यह शरीर में कफ को बढ़ाती है। इसलिए अगर आप कफ से जुड़ी समस्याओं से पहले से ही पीड़ित हैं तो सफेद मूसली के सेवन से परहेज करें या चिकित्सक की देखरेख में ही सफेद मूसली सेवन करें।

अगर आपके बालों में रूसी है, तो अल्कोहल का इस्तेमाल उसे पूरी तरह से खत्म करने में कारगर साबित होता है।

मूसली मूलत- एक कन्द है जिसकी बढ़ोत्तरी जमीन के अन्दर होती है अत: इसकी खेती के लिए प्रयुक्त की जाने वाली जमीन आर्द्र (नमी) होनी चाहिए। अच्छी जल निकासी वाली रेतीली दोमट मिट्टी जिसमें जीवाश्म की पर्याप्त मात्रा उपस्थित हो, इसकी खेती के लिए सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है। भूमि ज्यादा गीली भी नहीं होनी चाहिए अन्यथा कन्द की फिंगर्स पतली रह जाएगीं जिससे इसका उत्पादन प्रभावित होगा। सफेद मूसली कंद वाला पौधा है। जिसकी बढ़ोत्तरी जमीन के अंदर होती हैं। इसके लिए बलुई मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है तथा जल निकास का उचित प्रबंध होना चाहिए।

सफेद मूसली रक्त में मौजूद शुगर के स्तर को कम कर सकती है। इसलिए, लो शुगर के मरीजों या फिर शुगर की दवा खा रहे मरीजों को इसका सेवन करने से बचना चाहिए।

मूसली को शक्तिशाली एफ़्रोडायसियाक एक्शन के लिए जाना click here जाता है। इसे लेने से कामेच्छा, उत्तेजना और, यौन शक्ति में वृद्धि होती है और यौन संबंध अच्छे बनते हैं। डायबिटीज होने से सेक्स कमजोरी में इसे लेने से फायदा होता है।

सफेद मूसली उन डायबिटिक लोगों के लिए ज्‍यादा फायदेमंद होती है जो पतले या कम बजन बाले होते है। यह मोटे लोगों के लिए कम प्रभावी होता है। पतले और कमजोर डायबिटिक लोगों को प्रतिदिन आधा चम्‍मच सफेद मूसली पाउड़र दूध के साथ लेना चाहिए। यह उनके खून में चीनी की मात्रा को नियंत्रित करने में मदद करता है। (और पढ़े – शुगर ,मधुमेह लक्षण, कारण, निदान और बचाव के उपाय)

अच्छे स्वास्थ्य के लिए सफेद मूसली का उपयोग ऐसे करें!

मूसली की जड़ों विटामिनयो और खनिजो से भरपूर है। इस में कैल्शियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम होते है।

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